ayodhya boltee hai
- 9 Posts
- 27 Comments
अयोध्या के संतों ने भगवान को अबीर’गुलाल अर्पित कर, उनके सामने गायन,वादन व न2त्य आदि कर अपनी विविध भावनाओं के अनूकूल होली पर भक्ति का उल्लास प्रकट किया। संतों का यह उल्लास ने तो सामूहिक हो सका और न ही समाज के लिए प्रेरणादायक। रामनगरी के तिराहों’चौराहों पर युवकों का समूह आधुनिक गानों पर थिरकता रहा। इस बीच संतों की एक भी टोली पूरे दिन सडक पर भजन गाते हुए, परम्परागत वाद़य बजा होली खलेते हुए नहीं दिखी। मथुरा, बरसाना आदि की तरह श्री अवध में भी भक्ति भाव युक्त सामूहिक होली समय की मांग है जिसका न होना कम से कम भक्तों के लिए दुखद है। जरुरत इस बात की है कि श्रीराम की मर्यादा की तरह अयोध्या की मर्यादित होली का संदेश भी देश विदेश तक पहुंचे। इसके लिए संतों, भक्तों व वरिष्ठों को सामूहिक विचार अवश्य करना चाहिए।
Read Comments